Not known Facts About bhoot ka kahani

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वैले परिवार को इस घर में आने से पहले ही यह लगता था कि कुछ तो है जो बहुत अजीब है, उन्हें इस बात का भी अंदेशा था कि इस मकान को रूहों ने अपनी चपेट में ले रखा है. स्थानीय लोगों ने कई बार उन्हें चेताया भी था कि जिस स्थान पर वो मकान बनाने जा रहे हैं वहां एक व्यक्ति की मौत हुई थी, लेकिन उन्होंने इस बात पर विश्वास नहीं किया और मकान के निर्माण का काम जारी रखा और इसमें रहने भी आ गए.

वो बोला “क्योंकि उसके पिता उससे थोड़ी दुरी पर थे और उन्होंने भी वहीँ आवाज सुनी थी मतलब उनकों बुलाने की। उनकी ही आवाज में कोई उनके बेटे को अपनी ओर पुकार रहा था।”

जंगल जाते समय अचानक से उस लड़की के शरीर में हलचल हुई। सभी हैरान हो गए कि मृत लड़की का शरीर कैसे हिल रहा है। थोड़ी ही देर में लड़की जिंदा हो गई और उसके परिवार वाले खुशी-खुशी उसे अपने साथ घर ले आए। किसी को इस बात की भनक नहीं थी कि उस लड़की के अंदर उसी रात ट्रक से टकराने वाली मोहिनी की आत्मा घुस गई थी।

उसने मेरे पास आके मेरा बैग उठाया और मेरे आगे-आगे चलने लगा। चलते हुए मैंने एक बात पर गौर किया कि ये इतना चुप-चुप क्यों है। ये जब से मुझे मिला है तब से कुछ नहीं बोला। क्योंकि मेरा दोस्त सोमधर तो बहुत ही बातूनी है और ये तो इतना शांत बड़ी ही अजीब बात है।

भूतिया कहानियां की कड़ी में आज हम आपको भूतों की कहानी में हल जोतने वाले भूत की कहानी सुनाने वाले है। कैसे एक भूत ने डर के मरे हल जाते। 

जैसे-जैसे वे गहराई में जाते गए, पानी टपकने की आवाज गूंज उठी, जिससे माहौल और भी डरावना हो गया। अचानक, उन्होंने एक धीमी गड़गड़ाहट सुनी, और उन्हें अंधेरे में चमकती हुयी आँखें दिखी।

एक दिन, राज अपने दोस्त सुनील के साथ गाँव के पास भूतों के शहर की खोज में निकले। वे रात के समय में गाँव के पास पहुंचे और देखा कि सभी घरों के बाहर रात के अंधेरे में ज्यादातर लोग चलते रहते थे।

जैसे ही श्राप उठा, वह आत्मा राम और सोनू को उनकी बहादुरी और दया के लिए धन्यवाद दिया, और उस गुफा को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। कुत्ता, जो अब श्राप से मुक्त हो गया था, उसने अपनी पूंछ को कृतज्ञतापूर्वक हिलाकर राम और सोनू को धन्यवाद दिया।

यह देखकर मैं सकपका गया। मेरे रौंगटे खड़े हो गये और मैं बस यहीं सोच रहा था कि check here अगर ये यहाँ है तो वहाँ नीचे कौन है?

" हाँ चिन्नू , क्या तुमने रेलवे स्टेशनों के शौचालय में हातों के निशान देखें हैं? उन्होंने पूछा।

बेताल पच्चीसी

ऐसी जगहों पर इन्‍हे महसूस किया जा सकता है। यह रूहें हमेशा अपने आप को आम दुनिया से अलग रखना चाहती है। जब हम कभी किसी ऐसी जगह पर एकांत में होते हैं तो इन रूहों का आभास हमें होता है। इनकी भी प्रकृति बिलकुल सांपों से मिलती जुलती है, जब इंसान के सामने कोई सांप अचानक आ जाता है तो वो इंसानों के पैरों के कदमों के आहट के अनुसार चल कर उस जगह से भागना चाहता है, लेकिन एक शब्‍द जिसे डर कहते हैं उसे इंसानी स्‍वाभाव नहीं छोड़ पाता है और उसके फलस्‍वरूप वो सांप को दुश्‍मन मान कर उन्‍हे छेड़ता है या मार देता है। असली भूत की कहानी।

रात होते ही वहाँ कुत्ते अजीब तरीके से शोरूम के सामने चक्कर काटते थे। मालिक का एक पमोलियन कुत्ता और सड़क के कुछ कुत्ते अपने पूंछ हिलाते हुए इधर से उधर ,उधर से इधर ऊपर हवा में देखते चलते थे जैसे किसीको देखकर उसके सात सात चल रहें हों। बिल्कुल वैसे ही!

जब उन्होंने जंगल में प्रवेश किया तो देखा, सूरज की रोशनी पेड़ के घने पत्तो से संघर्ष करते  हुए जमीन पर गिर रही थी। जंगल एकदम शांत था। उनको डर भी बहोत लग रहा था, लेकिन उनकी उत्तेजना ने उन्हें आगे बढ़ाया। कभी-कभार उल्लू की आवाज को छोड़कर जंगल में सन्नाटा था।

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